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गुरुवार, 4 नवंबर 2010

शुभकामना संदेश

सब दीप जलाते चौखट पर, पर मन का दीप जलाओ तुम। अँधियारा अंतर का मेटो, इस जगती को चमकाओ तुम। सब पाप मिटे अंधेर मिटे, मानवता पर संदेह मिटे। प्रेम त्याग करुणा भरकर, इक सच का दीप जलाओ तुम।
प्रकाश उत्सव की हृदय से शुभकामनाएँ।
-निषेध कुमार कटियार 'हलीम'
e-mail- haleem.nishedh@gmail.com
blog- www.haleem-haleem.blogspot.com

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