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गुरुवार, 26 मई 2011

tayyari

'हलीम' उवाच

इस बार आईएएस की प्रारंभिक परीक्षा सीसैट के नाम से हो रही है। प्रारंभिक परीक्षा में पहली बार निर्णय लेने एवं समस्या समाधान और अंतरवैयक्तिक कौशल एवं संप्रेषण कौशल से संबंधित विषयों पर सवाल पूछे जाएंगे। इसका उद्देश्य आपकी उस प्रतिभा का मूल्यांकन है, जो लोकसेवक बनने के लिए जरूरी है। आयोग ने इस प्रश्नपत्र का चयन आपके प्राकृतिक एवं सहज व्यक्तित्व की परख के लिए किया है। शिक्षा-दीक्षा जो आप से अभिन्न होकर आपके व्यक्तित्व का हिस्सा बन गई, उसका मूल्यांकन होगा। इस समय बेहतर यह होगा कि आप तैयारी के लिए योजना बना लें और उसी के अनुरूप तैयारी करें।
जीएस की तैयारी
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की सामयिक घटनाओं पर विगत वर्षो मे कमीशन सर्वाधिक संख्या में प्रश्न पूछता रहा है। सरसरी तौर पर आप अक्टूबर 2010 से 30 अप्रैल 2011 की घटनाओं पर अधिकाधिक ध्यान दें। जून 2010 से सितम्बर 2010 तक की महत्वपूर्ण घटनाएं, अन्तरराष्ट्रीय संगठन एवं विश्व सामान्य ज्ञान अध्ययन कर लें, तो बेहतर होगा।
भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के टॅापिक पर आपको 20 से 25 घंटे देने होंगे। साहित्य कला, स्थापत्य एवं महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार से संबंधित पाठ्य सामग्री पर विशेष ध्यान दें। आधुनिक भारतीय इतिहास एवं राष्ट्रीय आंदोलन में सामाजिक एवं धार्मिक आंदोलन, कृषक आंदोलन, जनजातीय एवं जातीय आंदोलन, सांप्रदायिक विद्रोह, क्रांतिकारी गतिविधियां एवं प्रशासनिक सुधार और ब्रिटिश आर्थिक नीति, आर्थिक दोहन पर विशेष ध्यान दें। कांग्रेस के तीनों चरण एवं मुस्लिम लीग से संबंधित जानकारी भी पूरी स्पष्टता के साथ याद करें। महात्मा गांधी, गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर, डॉ अम्बेडकर एवं जवाहर लाल नेहरू से संबंधित जानकारी भी ठीक से हासिल करें। सभी एक्ट भी देख लें, तो बेहतर होगा।
भारत एवं विश्व भूगोल के अंतर्गत आप इस समय कृषि उद्योग एवं परिवहन मार्ग, भूस्थलाकृतिक तत्व, मानसून एवं जलवायु क्षेत्र, बांध, विद्युत परियोजनाएं व खनिज संसाधन पर विशेष ध्यान दें।
भारतीय संविधान एवं राज व्यवस्था में प्रस्तावना, राज्यों का गठन, मूल अधिकार, नीति निदेशक तत्व, संसद, केन्द्र राज्य संबंध, स्थानीय स्वशासन, राष्ट्रपति, लोक सेवा आयोग, निर्वाचन आयोग, गर्वनर, सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय, कैग, योजना आयोग, वित्त आयोग को ध्यान से पढें। संविधान की अनुसूची, प्रमुख पदाधिकारियों की शपथ, प्रमुख संशोधन, प्रमुख संवैधानिक अनुच्छेद को अवश्य पढें।
आर्थिक सुधार, डब्लूटीओ और भारत, मनी और बैं¨कग में सरकार की योजनाएं, पंचवर्षीय योजनाएं, राजस्व मौद्रिक नीति, बजट, आर्थिक समीक्षा, जनसंख्या संबंधित आंकडे, पर्यावरण एवं विकास योजनाओं में सामंजस्यपूर्ण स्थिति को बनाए रखने को किए जा रहे उपाय, आर्थिक शब्दाबली, आर्थिक सम्मेलन आदि को इस समय पढना जरूरी होगा।
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी के अंतर्गत यह जानना आवश्यक है कि पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी में क्या है तथा दोनों में समानता एवं अन्तर संबंध क्या है। इसके लिए अन्तरराष्ट्रीय संधियां, सम्मेलन व संस्थाएं खासतौर पर देखें। क्योटो प्रोटोकॉल, कोपेन हेगेन सम्मेलन, कैनकुन सम्मेलन, भारतीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा उठाए गए कदम और औद्योगिक जगत के दबाव में लिए गए समझौते महत्वपूर्ण हैं।
सामान्य विज्ञान में शारीरिक संरचना, अंग, तंत्र, भोजन, बीमारियां, प्रभावित होने वाले अंग, दी जाने वाली दवाएं एवं निरोधात्मक उपाय पर ध्यान दें। विभिन्न खोजों और खोजकर्ताओं के नाम, भौतिक विज्ञान के प्रमुख सिद्धान्त, रसायन शास्त्र के प्रमुख तत्व एवं यौगिक भी देखने होंगे।
टाइम मैनेजमेंट है अहम
इस समय करेंट अफेयर्स पर विशेष ध्यान दें। सामान्य ज्ञान के लिए ईयर बुक्स पढें। कैट लेवल की बुक्स पर जरूर ध्यान दें। दसवीं स्तर ेके मैथ के प्रश्नों को सॉल्व करने का अभ्यास करें और सूत्रों को याद करें। जीएस के पुराने पेपर को सॉल्व करें। अब तक जो भी आपने तैयारी की, उसका रिविजन करें तो बेहतर होगा।
नितिन भदौरिया, कानपुर, 62 रैंक
हर पढी हुई किताब के मुख्य तत्व छोटी सी कॅापी में नोट कर लें।
एटलस रोज देखें।
विश्व मानचित्र एवं भारत के मानचित्र को पढाई के मेज के सामने टांग लें।
हर टॉपिक का फ्लो चार्ट जरूर बनाएं। रिवीजन आसान हो जाता है।
मूल अधिकार, नीति-निदेशक तत्व, प्रमुख अनुच्छेद और अनुसूची में संबंधित बिन्दुओं का चार्ट बनाकर मेज पर रख लें। प्रस्तावना याद करें।
सामाजिक आंदोलन, हिन्दू एवं मुस्लिम आंदोलन, धार्मिक आंदोलन, निम्न जाति एवं जाति आंदोलन व किसान आंदोलन का चार्ट बना लें।
कुछ भी नया न पढें। ध्यान रहे कि पुराने पढे हुए विषय की अद्यतन जानकारी आपकी पढाई में शामिल नहीं है।
जो अच्छे तैयार हैं, उन्हे ही अच्छा करें। कमजोर विषय या क्षेत्र को बेहतर करने में वक्त जाया न करें।
परीक्षा छोडने के बारे में कतई न सोंचे। यह आपक ी आईएएस बनने की संभावना को बहुत अधिक कम कर देगा। ऐसा सोचना पलायनवादिता है, समझदारी नहीं।
ग्रुप स्टडी यदि कर रहे हैं, तो बंद कर दें। यदि करना बहुत जरूरी है तो बहस बिल्कुल न करें। दो से ज्यादा लोगों का इस नाजुक वक्त में साथ पढना घातक है।
द्वितीय प्रश्नपत्र से डरने की जरूरत नहीं
बोधगम्यता का टॉपिक अंग्रेजी बोधगम्यता वाले से इस मायने में भिन्न है कि यह अंग्रेजी एंव हिन्दी दोनों भाषा में होगी। आपसे अपेक्षा की जाती है कि रोजमर्रा की पढाई के दौरान ही इस टॅापिक को मस्तिष्क में रखते हुए तैयारी करें। टॅापिक का उद्देश्य यह जानना है कि लिखित सामग्री से वही अर्थ आप लेते हैं या नहीं, जो लेखक के मन में है। जरूरी है कि गद्यांश को कम से कम तीन बार पढंे। केंद्रीय भाव, वाक्यों, सूचनाओं को रेखांकित कर लें। उत्तर देते वक्त ऐसी सूचना का प्रयोग न करें, जो गद्यांश में न हो। आप इस तरह की प्रैक्टिस अवश्य करें।
वैयक्तिक कौशल संप्रेषण कौशल का उद्देश्य आपकी प्रभावी अंतर वैयक्तिक संबंध निर्माण कौशल एवं प्रभावी संप्रेषणीयता को परखना है। इसी के अंतर्गत नेतृत्व क्षमता, साक्षात्कार, सामूहिक विमर्श व भाषा जैसे गुणों के अतिरिक्त समझौता वार्ता, आदान-प्रदान विश्लेषण तथा प्रभावी श्रवण के साथ अन्य मौखिक एवं गैर मौखिक संपे्रषण प्रतिभा का भी मूल्यांकन किया जाएगा। आप यह सोचकर इसकी तैयारी करें, तो बेहतर होगा।
तार्किक कौशल एंव विश्लेषणात्मक क्षमता का यह टॅापिक भारत के प्राचीनतम विषयों में से एक है। इसमें सूचनात्मक तर्कशास्त्र तथा के आधार पर निर्बल-सबल तर्क, संख्या व्यवस्था मशीन और अवधारण पर आधारित प्रश्न होंगे। इस टॅापिक पर जितना अधिक अभ्यास किया जाएगा, परिणाम उतना ही सकारात्मक होगा। ठ्ठ निर्णय लेना एवं समस्या समाधान का यह विषय हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है। इस टॅापिक का उद्देश्य लोकसेवक के रूप में आपकी लोक संग्रही निर्माण क्षमता का मूल्यांकन करना है। प्रश्नों की प्रकृति परिस्थितिजन्य समस्या मूलक, मानदंड पर आधारित व्यक्ति चयन, जिम्मेदारी निर्वहन के लिए उचित व्यक्ति को उत्तरदायी बनाना जैसी होगी। आप इस तजरह के प्रश्नों का अधिक अभ्यास करें।
संख्या पद्घति और चार्ट, चार्ट ग्राफ, तालिका व आंकडों की पर्याप्तता आदि से संबंधित प्रश्नों का अधिक अभ्यास करें। मानसिक योग्यता की तैयारी के लिए हाईस्कूल स्तर की गणित तथा रीजनिंग पर आधारित प्रश्न होंगे। अंग्रेजी भाषा के लिए व्याकरण जरूरी है, लेकिन बिना व्याकरण के भी भाषा समझी जा सकती है। अंग्रेजी अखबार का संपादकीय पेज पढने के साथ ही अंग्रेजी व्याकरण पढना जरूरी है।
अंशुमन द्विवेदी
(लेखक लखनऊ के एक आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ प्राध्यापक हैं) 

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