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बुधवार, 1 अप्रैल 2020

'हलीम' उवाच

तबलीगी मरकज


दरअसल ये जिहादी संगठनों का ही B group है जिसे धर्म प्रचार का नकाब पहना दिया गया है।

जाँच एजेंसियों का शक अब सही साबित होता जा रहा है। हरेक तबलीगी नेता का बेस कनेक्शन कोई न कोई आतंकी संगठन ही निकल रहा है। ये भारत या दूसरे देशों में प्रवेश के लिए तबलीगी पहचान का इस्तेमाल करते हैं और दुनिया की नज़रों में अपनी यात्रा का उद्देश्य मोहम्मद के सिद्दांतों का प्रचार करना ज़ाहिर करते हैं। इनके द्वारा देश भर में मरकत (सभाएं) आयोजित की जाती हैं और उनकी आड़ में मुस्लिम समाज के युवाओं में जिहादी बीज बोकर उन्हें  'स्लीपर सेल' बनाया जाता है।

हाल ही में CAA जैसे प्रयासों से बौखलाकर बड़ी संख्या में इनके नेता विदेशों से भारत में आये क्योंकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरू होते ही जिस तेज़ी से एक के बाद एक 370, राम मंदिर, CAA जैसे निर्णय लिए गए और इनके भारतीय एजेंटों को निस्तेज कर दिया गया उससे इन्हें अपनी ज़मीन खिसकती महसूस हुई और इसके लिए उन्होंने CAA के विरोध को अवसर बनाते हुए देश के मुस्लमान वर्ग को एक आंदोलन के लिए खड़ा करने की योजना तैयार की।

उनकी इस योजना का व्यापक असर देश भर में और दिल्ली में हुए विरोध, प्रदर्शनों, दंगों में दिखाई दिया।

बीच में कोरोना के आ जाने से लॉक डाउन के कारण इन्हें अपनी कार्रवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी और ये लॉक डाउन ख़त्म होने का इंतज़ार करने लगे, जबकि इनके पास वापस जाने का पर्याप्त समय था। जब बार बार प्रशासन का निजामुद्दीन खाली करने का दबाव बढ़ा तो इन्होंने जगह खाली की लेकिन यहाँ भी ये बाज़ नहीं आये।

इनके खुराफाती दिमाग की तारीफ देखिये इन्होंने उस संकट को भी एक अवसर बना लिया और अपने अनुयायियों को इसे ही जिहाद के लिए एक बेहतर रास्ता बनाने को कहा। इन्होंने संक्रमित मौलाना से कई लोगों के संक्रमित होने का इंतज़ार किया और उन्हें सिखाया कि कैसे 'थूककर' या 'करीब जाकर' चिल्लाते हुए वायरस को फैला कर जिहाद शुरू किया जा सकता है।

हाल ही में कई वीडियो आये हैं जिनमें लोगों को किसी मस्जिद में एक साथ 'छींककर' या 'बर्तन जूठे करते हुए' (इन्हीं बर्तनों में और लोगों को खिलाने के लिए) देखा गया है। इनके पास ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है कि सिर्फ हिंदुओं को नुकसान पहुँचाना है, बल्कि ये तो किसी भी सूरत में तबाही मचाना चाहते हैं ताकि देश बर्बाद हो और उसका सीधा इल्जाम सरकार पर आये और ये वापस अपनी ताकत बढ़ा सकें।

मकसद बेहद साफ़ और दूरदर्शी है, हमें अब भी संभल जाना चाहिए और चौकन्ना रहना चाहिए। देखिये कहीं आप के आसपास तो कोई ऐसा संदिग्ध नहीं?? अगर है तो तुरंत प्रशासन को सूचना दीजिये।
धन्यवाद, जय हिंद।

आपका शुभचिंतक-
निषेध कुमार कटियार 'हलीम'

दरअसल ये जिहादी संगठनों का ही B group है जिसे धर्म प्रचार का नकाब पहना दिया गया है।

जाँच एजेंसियों का शक अब सही साबित होता जा रहा है। हरेक तबलीगी नेता का बेस कनेक्शन कोई न कोई आतंकी संगठन ही निकल रहा है। ये भारत या दूसरे देशों में प्रवेश के लिए तबलीगी पहचान का इस्तेमाल करते हैं और दुनिया की नज़रों में अपनी यात्रा का उद्देश्य मोहम्मद के सिद्दांतों का प्रचार करना ज़ाहिर करते हैं। इनके द्वारा देश भर में मरकत (सभाएं) आयोजित की जाती हैं और उनकी आड़ में मुस्लिम समाज के युवाओं में जिहादी बीज बोकर उन्हें  'स्लीपर सेल' बनाया जाता है।

हाल ही में CAA जैसे प्रयासों से बौखलाकर बड़ी संख्या में इनके नेता विदेशों से भारत में आये क्योंकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शुरू होते ही जिस तेज़ी से एक के बाद एक 370, राम मंदिर, CAA जैसे निर्णय लिए गए और इनके भारतीय एजेंटों को निस्तेज कर दिया गया उससे इन्हें अपनी ज़मीन खिसकती महसूस हुई और इसके लिए उन्होंने CAA के विरोध को अवसर बनाते हुए देश के मुस्लमान वर्ग को एक आंदोलन के लिए खड़ा करने की योजना तैयार की।

उनकी इस योजना का व्यापक असर देश भर में और दिल्ली में हुए विरोध, प्रदर्शनों, दंगों में दिखाई दिया।

बीच में कोरोना के आ जाने से लॉक डाउन के कारण इन्हें अपनी कार्रवाही कुछ समय के लिए स्थगित करनी पड़ी और ये लॉक डाउन ख़त्म होने का इंतज़ार करने लगे, जबकि इनके पास वापस जाने का पर्याप्त समय था। जब बार बार प्रशासन का निजामुद्दीन खाली करने का दबाव बढ़ा तो इन्होंने जगह खाली की लेकिन यहाँ भी ये बाज़ नहीं आये।

इनके खुराफाती दिमाग की तारीफ देखिये इन्होंने उस संकट को भी एक अवसर बना लिया और अपने अनुयायियों को इसे ही जिहाद के लिए एक बेहतर रास्ता बनाने को कहा। इन्होंने संक्रमित मौलाना से कई लोगों के संक्रमित होने का इंतज़ार किया और उन्हें सिखाया कि कैसे 'थूककर' या 'करीब जाकर' चिल्लाते हुए वायरस को फैला कर जिहाद शुरू किया जा सकता है।

हाल ही में कई वीडियो आये हैं जिनमें लोगों को किसी मस्जिद में एक साथ 'छींककर' या 'बर्तन जूठे करते हुए' (इन्हीं बर्तनों में और लोगों को खिलाने के लिए) देखा गया है। इनके पास ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है कि सिर्फ हिंदुओं को नुकसान पहुँचाना है, बल्कि ये तो किसी भी सूरत में तबाही मचाना चाहते हैं ताकि देश बर्बाद हो और उसका सीधा इल्जाम सरकार पर आये और ये वापस अपनी ताकत बढ़ा सकें।

मकसद बेहद साफ़ और दूरदर्शी है, हमें अब भी संभल जाना चाहिए और चौकन्ना रहना चाहिए। देखिये कहीं आप के आसपास तो कोई ऐसा संदिग्ध नहीं?? अगर है तो तुरंत प्रशासन को सूचना दीजिये।
धन्यवाद, जय हिंद।

आपका शुभचिंतक-
निषेध कुमार कटियार 'हलीम'

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